Menu
blogid : 1078 postid : 144

विदेशी कम्पनियों की गुलामी

andhere ke khilaf
andhere ke khilaf
  • 39 Posts
  • 52 Comments

खुदरा मैं प्रतक्ष्य विदेशी निवेश (FDI ) के मामले में हमारी सरकार जनता को लगातार गुमराह कर रही है. अजीब सी बात है कि मुख्य रूप से जिस वोलमार्ट को भारत में लाने के लिए ये साड़ी जुगलबंदी हो रही है, उस पर यह आरोप है क़ी मक्सिको में अपने स्टोर जल्दी खोलने के लिए नोकरशाहों को भरी रिश्वत दी. जहाँ तक रोजगार का सवाल है वोलमार्ट का टर्नओवर 420 करोड़ डॉलर का है और उस में सिर्फ 21 लाख लोग लगे हैं. जबकि हमारे देश में लगभग इतने ही टर्नओवर में 4.4 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है. वैसे भी थाईलेंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्राज़ील आदि देशों का अनुभव यह बताता है कि वोलमार्ट के आने से यदि 1 व्यक्ति को रोजगार मिला तो उस के बदले 17 लोग बेरोजगार हुए. इस से साफ़ जाहिर है कि खुदरा में प्रतक्ष्य विदेशी निवेश से रोजगार मिलेगा नहीं, ख़तम होगा. सिर्फ यही नहीं इन विदेशी कम्पनियों के कर्मचारियों का भी जम कर शोषण किया जाता है. वोलमार्ट का वेतन न केवल दूसरी कम्पनियों से 20 प्रतिशत कम है बल्कि काम क़ी स्थितियां इतनी ख़राब हैं कि लगभग 70 प्रतिशत कर्मचारी पहले ही साल काम छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं. चूँकि इन कम्पनियों के पास बहुत दौलत है इस लिए आरम्भ में वे सस्ता माल बेच कर खुदरा व्यापार में लगे दुकानदरों को प्रतियोगिता से बहार करेगी और बाद में मुनाफे के लालची खूनी पंजों से विकल्पहीन जनता कि गर्दन दबएँगी. जहाँ तक किशानो की उपज का ज्यादा मूल्य देने की बात है तो अभी तक पूरी दुनिया में ऐसा कोई उदहारण नहीं मिला कि इस से किसानो कि उपज का ज्यादा मूल्य मिला हो. जहाँ तक अमेरिका की बात है, वहां किसानो को उन की उपज पर 40 से 70 प्रतिशत सब्सिडी सरकार से मिलती है, वोलमार्ट जैसी कम्पनियों से नहीं. जबकि हमारे यहाँ किसानो और गरीबों की सब्सिडी पर सबकी गिद्ध नजरें गडी हैं. जबकि देसी बड़ी-बड़ी कम्पनियों को दिए जाने वाले अनुदानों का कहीं कोई जिक्र तक नहीं होता, जिस की रकम इस से कहीं ज्यादा है. सुरेश कलमाड़ी और ए. राजा को दोबारा कमान सोंपने से जाहिर है कि हमारी सरकार में शामिल बहुत से लोग इस भ्रस्टाचार में शामिल थे. कोमन वेल्थ गेम्स घोटाला, 2 जी घोटाला और अब कोयला घोटाले से लगता है इन का पेट नहीं भरा तो अब विदेशी कम्पनियों को देश बेचने की साजिश रची जा रही है. अगर जनता ने इन कम्पनियों का भारी विरोध नहीं किया तो अब देश वोलमार्ट का गुलाम बनाया जायेगा.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh